
एक माह तक चलने वाले श्रावणी मेला में दो अगस्त तक कुल ३० लाख ९४ हज़ार ६०४ कांवरियों ने झारखण्ड राज्य के देवघर स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंग पर गंगा जल अर्पित कर पूजा अर्चना किया | जिसमे २० लाख ७० हज़ार ५६२ पुरुष, ०९ लाख ८० हज़ार ९२३ महिला , ३७ हज़ार ३२१ डाक कांवरिये तथा ०५ हज़ार ७९८ वी आइ पी श्रदालु शामिल है | जबकि एक अगस्त तक शीघ्र दर्शनं से ३० हज़ार ५९६ शिव भक्तों ने पूजा अर्चना किया | जिससे एक करोड़ ५२ लाख ९८ हज़ार कि आय हुयी | इस दौरान एक करोड़ ४६ लाख १२ हज़ार ४५७ रूपये नगद चदवा प्राप्त हुआ | दो अगस्त तक वाणिज्य कर - विभाग द्वारा दो लाख ९२ हज़ार खोवा से बटोर टैक्स वसूली कि गयी | नगर निगम के खाते पड़ाव शुल्क से ४४ लाख ३५ हज़ार ३८ रूपये एनी श्रोत से २८ हज़ार ९०६ रुपया यानि कुल ४४ लाख ६३ हज़ार ९४४ रुपया कि आय हुयी | लोजिंग हाउस कमिटी द्वारा सात लाख ४१ हज़ार ५४९ रूपये कि वसूली कि गए | विधुत विभाग द्वारा १५ लाख ५० हज़ार ९१३ रूपये राजस्व की वसूली की गयी | वाही दूसरी और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा २० सूचना केन्द्रों के माध्यम से ३१ हज़ार ५८६ विचादे व्यक्तियों को उनके परिजनों से मिलाया गया | बाज़ार समिति द्वारा nirdharit lakshay २९० लाख के विरुद्ध एक अगस्त तक ८६ लाख ५१ हज़ार ९९५ रूपये कुल वसूली की गए | इस दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वार ७३ हज़ार ३३९ कांवरियों की चिकित्सा की गए | जिसमे ४९ हज़ार ६४९ पुरुष २० हज़ार ७१७ महिला एवं ०२ हज़ार ९७३ बच्चा शामिल है | दो अगस्त तक १३ चोरियां , ६९ गिरफ्तारियां हुयी है | धारा २९० भा द वी के तहत ०६ , धारा १०९ द प्र स के तहत दो काररवाईयां की गयी है | इस दौरान १५ लाख १७ हज़ार रूपये की माल की चोरी हुयी , जबकि एक बोलेरो , एक मोबाइल , चार छाता, बम बनाने का बारूद और करीब दो हज़ार रुपया बरामद किया गया | १४ लोगों की अप्राकृतिक मौत हुयी , दो लोगों की दुर्घटना में मौत हुयी | १४७ वाहन जब्त किये गए | ५६ हज़ार ५०० रूपये वाहनों से वसूल किये गए | यह जानकारी जिला प्रशासन के उपयुक्त मस्त राम मीणा द्वारा सार्वजानिक किया गया है |
इसके अलावे देवघर में चल रहे माह व्यापी श्रावणी मेला में देवघर जिला प्रशासन कितना धन राशि अप्राकृतिक रूप से गटक गया है | इसकी जानकारी किसी को भी नहीं मिल सकता है क्योंकि देवघर के नाम पर हरेक साल करोडो रूपये आवंटित किया जाता है , जो शिवभक्तों के असाधारण मेला को निर्बाध गति से समाप्त करने में उपयोग किया जाता है | रही बात मेला के दौरान करोडो रूपये की आय का , इस आय में भी परदे की आड़ में जिला प्रशासन कितने का घोटाला करता है , इस बात की जानकारी आमजनों को नहीं हो पाती है | आमजन केवल अपने मुख से घोटाला होने की चर्चा करतें है | अगर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी माँगा जाय एक बड़े घोटाला का पर्दाफास होगा और इसमें शामिल कई लोगों के चेहरें बेनकाब होंगें | हो सकता है , इस प्रकरण में कुछेक को अपने जान की क़ुरबानी देनी होगी | यह एक कठिन विषय है , इस पर लोगों को जागरूक होना होगा | तभी यह संभव है , अन्यथा मेला के नाम पर आवंटित धनराशि का बंदरबांट पदाधिकारी और सफेदपोश काफी महफूज हो करतें रहेंगे और महीने भर के मेला के नाम पर प्राप्त आय का वेमन से लेखा - जोखा प्रस्तुत करतें रहेंगे | झारखण्ड राज्य के देवघर जिला को बाबा बैधनाथ के नाम पर केवल सावन माह में होने वाले करोडो रूपये के होने वाले आय के अलावे बाबा बैधनाथ मंदिर में अपनी हिस्सेदारी का दावा करने वाले संघठन पंडा धर्म रक्षिणी सभा की आय भी करोडो रूपये की होती है | लेकिन पंडा धर्म रक्षिणी सभा की आय को कभी सार्वजानिक नहीं किया जाता है | यह कहा जाता है कि यह आय एक स्वयं सेवी संघठन का है , जो पंजीकृत है | इस संघठन के आय का खुलासा नहीं होने के कारण हमेशा पंडा समुदाय के बीच असंतोष का लहर पैदा होता है | दबे जुबान विरोध करतें है , लेकिन इस बार एक दबंग किस्म के व्यक्ति ने अव्यवहारिक रूप से अपना विरोध जताया , जिस कारण संघठन का मुखिया व अन्य पधाधिकारी ने अपना इस्तीफा दे दिया | लोगों के बीच यह बात फैल गयी , लोगों ने तरह - तरह टिप्पणी करना शुरू कर दिया | लोक लाज के भय से एक कथित दबंग व्यक्ति ने इस्तीफा वापस लेने का दवाब बनाया और अंततः संघठन के लोगों ने इस्तीफा वापस कर लिया | इस तरह इस संघठन का हाई भोल्टेज ड्रामा ख़त्म हो गया | अब सवाल उठता है कि जिला प्रशासन की तरह अपनी आय का खुलासा यह संघठन करेगी ? अगर कर दिया तो केवल शावन माह में बाबा बैधनाथ अरबों रूपये आय देने वाला बाबा कहलायेगा और देश के अन्य मंदिरों / धार्मिक संघठनों के श्रेणी में सबसे आगे होगा |
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