भारत आज़ाद हुए वर्षों हो गयी है , और भारत देश के भिन्न रायों में विभिन्न राजनितिक दलों ने सत्ता सुख का मजा चख लिया है लेकिन मधु कोड़ा ने जिस तरह से एक मिसाल किया है , वह एक इतिहास ही है करीब तीन वर्षों में झारखण्ड के सत्ता पर बैठ कर जनता के धन के राजकीय कोष से जिस प्रकार का घोटाला दिखाया है वह शायद वर्षों पूर्व के मुख्यमंत्रियों ने भी किया होगा जो अब तक परदे के अन्दर है लेकिन झारखण्ड के निर्दलीय मुख्यमंत्री मधु कोड़ा द्वारा मात्र तीन वर्षों में अर्जित की गयी संपत्ति सभी राजनितिक दलों के लिए किरकिरा हो गया , जिसमे सबसे आगे कांग्रेस ही है क्योंकि कांग्रेस ने ही अपने लक्ष्य के अनुसार मधु कोड़ा को झारखण्ड राज्य के सत्ता पर बिठाने के लिए समर्थन दिया था , लेकिन ठीक उसके विपरीत हुआ , कांग्रेस को चोरी/ लूट के माल में हिस्सेदारी नहीं मिला और कांग्रेस का लूटने का सपना टूट गया अब कांग्रेस विभिन्न प्रकार की जाँच बिठाकर अपने को पाक-साफ साबित करने के लिए एडी - छोटी एक किये हुए हैं मामला कुछ भी हो , इसके बाद के कार्यकाल में राज्यपाल सिब्त्ते राजी का कार्यकाल भी विवादों से भरा हुआ है राज्यपाल महोदय ने भी जम कर राजकीय कोष को तरीके से लूटने का काम किया और अपने राज्य चले गए बात यही नहीं समाप्त होती है , बल्कि और विकराल रूप लेती जा रही है एक राज्यपाल को चोरी के दाग से बचाने के लिए और अपने को बेदाग़ साबित करने के लिए कांग्रेस ने जिस तरह का पासा फेंकना शुरू किया है , वह यह बताने का प्रयाश कर रहा है की कांग्रेस को चोर मत कहो कांग्रेस देशहित में काम करता है वहीँ दूसरी और मधु कोड़ा प्रकरण इस बात को काफी गौरव से कहता है कि मात्र तीन साल में जिस कदर राजकीय कोष का उपयोग स्वहित में कर सकता हूँ , ठीक इसी प्रकार अन्य राजनितिक दलों ने भी मुख्यमंत्री रहते हुए राजकीय कोष को जमकर लूटा है और राज्यों को विकाश के किरण से कोसों दूर रखा है मधु कोड़ा प्रकरण में यह भी दम है कि , आजतक कांग्रेस अपने को सबसे होशियार राजनितिक दल और हिंदी भाषी राज्यों के लोंगों को मुर्ख समझते थे , और किसी भी हिंदी भाषी को मोहरा बनाकर कहें भी उपयोग कर लेते थे , जो अब नहीं चलेगा अब नहीं चलेगा . राजनेताओं कि झूठी आश्वाशन सत्ता सुख लेने वाले हरेक राजनितिक दल के मुखिया जनता के राजकीय और राष्ट्रिय कोष से इसी प्रकार से धन राशि को अपने नाम करतें हैं , उनपर क्यों नहीं जाँच होती हैं यह सवाल का विषय है करीब तीन साल में करोड़ों की संपत्ति अर्जित करनेवाले मधु कोड़ा ने हिंदी भाषी राज्यों से नफरत करने वाले नेताओं को यह सन्देश देने का काम किया है कि हिंदी भाषी में इतना प्रतिभा है , जिसका उपयोग अन्य राज्यों के लोग करतें हैं प्रतिभाओं के बल पर किसी राज्य को एक नया रूप दे देते हैं तीन साल में करोडो कि राशि --------------------------और करीब २०-३० सालों तक सत्ता सुख लेने वाले मुख्यमंत्रियों ने भी करोडो का राशि हड़प लिया है उनके करीबी का भी जाँच करना चाहिए आजादी के बाद से सत्ता सुख प्राप्त करने वाले सभी मुख्मंत्रियों का भी संपत्ति का जाँच होना चाहिए