सावन के अंतिम सोमवारी में बिहार के श्रम मंत्री जनार्दन सिग्रीवाल से देवघर उपायुक्त मस्त राम मीणा ने धक्का - मुक्की ही नही दुर्व्यवहार भी किया | यह घटना बाबा बैधनाथ मंदिर में सुबह के सरकारी पूजा में वी आइ पी पास द्वारा पूजा अर्चना को प्रवेश करने के दौरान घटी | मालूम हो कि श्री सिग्रीवाल जिला प्रशासन द्वारा मिले चार पास को लेकर बाबा बैधनाथ मंदिर में पूजा अर्चना हेतु कतार में लग गए ,मंत्री होने के कारण उनके पीछे करीब १६ आदमी कतार में खड़े हो गये | इतने में देवघर डी सी आकर वी आई पी पास चेक करते हुए उन्हें धक्का मारकर कतार से बाहर करने लगे | लगे हाथ डी सी के साथ रहने वाले पुलिस कर्मियों ने भी अपना हाथ साफ कर लिया | इस घटना में बिहार के मंत्री श्री सिग्रीवाल के साथ देवघर डी सी मस्तराम मीणा के बीच वाकयुद शुरू हो गया | और बात आगे बदने लगी | मदिर में रहने वाले पंडों ने बीच बचाव करते हुए मामले को दबाया | अपने साथ हुए घटना के बाद बिहार के मंत्री ने कहा कि मानसिक रूप से बीमार टाइप के पदाधिकारी को देवघर में लाखों श्रदालू के लिए डयूटी में नहीं लगाना चाहिए | इस घटना की शिकायत मै बिहार के मुख्यमंत्री और झारखण्ड के मुख्यमंत्री से करूँगा |
रही बात वी आइ पी पास और सुबह सरकारी पूजा में सख्ती बरतने की | देवघर डी सी खुद ही वी आइ पी पास प्रक्रिया का मजाक उड़ाते है | इनकी पत्नी के पास कौन सा वी आइ पी पास होता है , जो प्रतिदिन सरकारी पूजा के दौरान पूजा करने के लिए कतार में लग जाते है , और अपने साथ कुछ चाटुकार को भी घुसा डालते हैं | इस वक्त कहाँ जाती है डी सी मस्त राम मीणा का ईमानदारी और मुस्तैदी | कहाँ खो जाता है उनका पारदर्शिता ? देवघर डी सी को अगर वी आइ पी पास का मतलब इतना ही समझ में आता है अपने पत्नी की तरह सबके लिए सुविधा देना चाहिए या फिर पहले खुद सुधरे फिर दुसरे को सुधरने में लगें |
बिहार के श्रम मंत्री के साथ धक्का - मुक्की और दुर्व्यहार करने वाले डी सी कितना प्रोटोकॉल को मानते है ,यह भी एक सवाल है | अगर झारखण्ड की कोई मंत्री बाबा मंदिर में वी आइ पी पास द्वारा या अन्य तरीके से पूजा करने आयेंगे तो देवघर डी सी भींगी बिल्ली की तरह डरे हुए चुपचाप आराम से पूजा कराएँगे |यह जानकारी केवल आपके जानने के लिए है , अगर देवघर डी सी के करतूत के बारे में जानना है तो उनके घर राजस्थान से लेकर जहाँ - जहाँ वे पदस्थापित थे , वहां उनकी क्या गतिविधि रही , उसके बारे में जाने | यह ऊपर से जितना अपने को निष्ठांवान दर्शाता है , उतना ही अन्दर से काला है | संक्षेप में बता दें , यह पदाधिकारी देवघर में अपने पैरवी के बल पर तीन वर्ष बीता चुके हैं | इस बार भी ट्रान्सफर होने के बाद पैरवी के बल पर देवघर में शावन में बने रहे | उसके पीछे सावन में मिलने वाली राशी का बंदरबांट भी हो सकता है |
कहना कठिन है , फिर भी यह जानकार अफसोस होगा कि मस्त राम मीणा पर साहेबगंज और पाकुड़ जिला में भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप है और इस पर अनुसन्धान चल रहा है | अपनी चमड़ी बचने के लिए समाचार प्रकाशित करने वाले अखबार के खिलाफ प्रेस इनफोर्मेसन ब्यूरो तक गए | लेकिन अनुसन्धान की प्रक्रिया पूरा होने के साथ ही अब करीब - करीब मस्त राम मीणा दोषी साबित होने जा रहे हैं | अगर वे दोषी साबित हो गए तो उन्हें जेल जाने से कोई नहीं रोक सकता |
Monday, August 8, 2011
Saturday, August 6, 2011
यात्रीगण कृपया ध्यान दें ,

यात्रीगण कृपया ध्यान दें , जी हाँ ध्यान से पढिये इसे | यह आपके लिए और हम सबके लिए जानना जरुरी है | आप झारखण्ड राज्य के धार्मिक स्थल देवघर आतें हैं और रेलवे द्वारा चलाये जा रहे रेलगाड़ी की सवारी भी करतें हैं | इसमें कोई दो राय नहीं है की आप रेलगाड़ी में सवार होने के पूर्व टिकट काउंटर और प्लेटफार्म के प्रवेश द्वार पर होने वाले व्यवहार से दो - चार नहीं होते होंगे | यह परेशानी सावन माह में होती है , क्योंकि लाखो शिव भक्त यहाँ आस्था व्यक्त करने के लिए आतें हैं और कांवरिया वस्त्रों वाले लोगों का कारंवा नज़र आता है | मानो कोई महासंग्राम में सभी निकले हों | लेकिन यहाँ एक खास मकसद होता है , बाबा बैधनाथ पर जलार्पण कर अपनी आस्था व्यक्त करना और फिर अपने घर को वापस जाना | केशरिया रंगों से लबरेज वस्त्रों में सजे कांवरियों की भीड़ को देखकर रेलवे को ऐसा मालूम पड़ने लगता है , जैसे भी हो रेलवे की दुकानदारी में ज्यादा से ज्यादा आमदनी को शामिल कर लो और ऐसा करतें भी है | कांवरियों को अपना मुल्ला मन सीधे किउल और पटना तक का टिकट कटाने को बाध्य करतें है , वो भी टिकट नहीं है का बहाना बनाकर | जबकि स्थानियों लोगों द्वारा टिकट काउंटर पर बैध नाथ धाम और जसीडीह से नजदीकी स्टेशन का टिकट मांगने पर टिकट काउंटर पर प्रतिनियुक्त प्रतिनिधि टिकट देने से सीधे तौर पर नकार देते हैं | जिस कारण स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है और उन्हें मजबूर होकर खीच - खीच करना पड़ता है | रेलवे स्टेशन के मेनेजर को भी इससे दो -चार होना पड़ता है और फिर स्थानीय लोगों को उनके नजदीकी गंतव्य तक का टिकट उपलब्ध कराना पड़ता है | सही मायनो में सावन माह मुसीबतों का सफर हो जाता है ,सावन माह में बैधनाथ धाम और जसीडीह से मधुपुर और झाझा दिशाओं की और जाने वाली रेलगाड़ियों में सफर करने के लिए एक चुनौती का सामना करना पड़ता है | ऐसी स्थिति में नजदीकी गंतव्य तक जाने वाले लोगों को अपने साथ मतदाता परिचय पत्र या फिर कोई अन्य पहचान पत्र का सहारा लेकर टिकट काउंटर पर अपने गंतव्य का टिकट लेना पड़ता है | रेलवे स्टेशन के आस - पास केशरिया वस्त्रों में चहल - पहल करते लोगों को देखकर रेल कर्मियों के मन में आमदनी का लड्डू फूटने लगता है और वे सीधे टिकट काउंटर की और उन्हें भेजते हैं | इन कांवरियों में अगर कोई जसीडीह से नजदीकी गंतव्य तक का हो और वो अपने गंतव्य तक का टिकट मांगते है तो फिर क्या टिकट काउंटर पर बैठे रेलकर्मियों का पैंतरा शुरू हो जाता है और वह रेलवे के वरीय अधिकारी का आदेश का हवाला देकर टिकट देने से इनकार कर देते हैं | बातें आगे बढने लगती है , तब उन्हें अपना परिचय पत्र का उपयोग करना पड़ता है | उधर प्लेटफार्म प्रवेश द्वार पर काले कोट पहन खड़े टी टी भी अपना पैतरा देने से पीछे नहीं हटता है और प्रवेश द्वार से भागने का प्रयास करता है | स्थानीय तो स्थानीय है , जब वे अड़ जाते है तो टी टी का सिट्टी - पिट्टी गम हो जाता है |
सावन माह में ३० दिनों तक रेलगाड़ी का सफर मुसीबतों का सफर साबित हो जाता है और मुसीबत इतना पेचीदा हो जाता है | श्रावणी मेला के नाम पर डयूटी करने आये रेलकर्मियों द्वारा खुलकर गुंडा गर्दी भी किया जाता है | मासिक टिकट लेकर चलने वाले यात्रियों के टिकट को फाड़ने का प्रयास किया जाता है | ऐसी घटना बीते वर्ष हो चुकी है | बैधनाथ धाम स्टेशन पर एक यात्री का मासिक टिकट टी टी ने फाड़ कर फेक दिया | वह यात्री इस मामले को लेकर स्टेशन मास्टर और अन्य पधाधिकारियों से संपर्क किया लेकिन किसी ने टिकट फाड़ने की घटना को गंभीरता से नहीं लिया , तब जाकर वह न्यायलय का शरण लिया और फिर कार्रवाई शुरू हुई | टिकट फाड़ने वाले टी टी को माफी मांगना पड़ा | वह यात्री तो एक दबंग टाइप का था तब तो ऐसा कर पाया | कमज़ोर टाइप के लोग इन गुंडा टाइप के टी टी से क्या लड़ पाएंगे | यह एक गंभीर सवाल है
सावन महिना में रेलवे का नजरिया इतना बदल जाता है यह आप सबों तक लिखकर पहुंचाना आसन नहीं है | इसे नजदीकी से जानना है तो कभी यहाँ से नजदीकी स्टेशन तक टिकट मांग कर देखिये |
Wednesday, August 3, 2011
दो अगस्त तक कुल ३० लाख ९४ हज़ार ६०४ कांवरियों ने झारखण्ड राज्य के देवघर स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंग पर गंगा जल

एक माह तक चलने वाले श्रावणी मेला में दो अगस्त तक कुल ३० लाख ९४ हज़ार ६०४ कांवरियों ने झारखण्ड राज्य के देवघर स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंग पर गंगा जल अर्पित कर पूजा अर्चना किया | जिसमे २० लाख ७० हज़ार ५६२ पुरुष, ०९ लाख ८० हज़ार ९२३ महिला , ३७ हज़ार ३२१ डाक कांवरिये तथा ०५ हज़ार ७९८ वी आइ पी श्रदालु शामिल है | जबकि एक अगस्त तक शीघ्र दर्शनं से ३० हज़ार ५९६ शिव भक्तों ने पूजा अर्चना किया | जिससे एक करोड़ ५२ लाख ९८ हज़ार कि आय हुयी | इस दौरान एक करोड़ ४६ लाख १२ हज़ार ४५७ रूपये नगद चदवा प्राप्त हुआ | दो अगस्त तक वाणिज्य कर - विभाग द्वारा दो लाख ९२ हज़ार खोवा से बटोर टैक्स वसूली कि गयी | नगर निगम के खाते पड़ाव शुल्क से ४४ लाख ३५ हज़ार ३८ रूपये एनी श्रोत से २८ हज़ार ९०६ रुपया यानि कुल ४४ लाख ६३ हज़ार ९४४ रुपया कि आय हुयी | लोजिंग हाउस कमिटी द्वारा सात लाख ४१ हज़ार ५४९ रूपये कि वसूली कि गए | विधुत विभाग द्वारा १५ लाख ५० हज़ार ९१३ रूपये राजस्व की वसूली की गयी | वाही दूसरी और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा २० सूचना केन्द्रों के माध्यम से ३१ हज़ार ५८६ विचादे व्यक्तियों को उनके परिजनों से मिलाया गया | बाज़ार समिति द्वारा nirdharit lakshay २९० लाख के विरुद्ध एक अगस्त तक ८६ लाख ५१ हज़ार ९९५ रूपये कुल वसूली की गए | इस दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वार ७३ हज़ार ३३९ कांवरियों की चिकित्सा की गए | जिसमे ४९ हज़ार ६४९ पुरुष २० हज़ार ७१७ महिला एवं ०२ हज़ार ९७३ बच्चा शामिल है | दो अगस्त तक १३ चोरियां , ६९ गिरफ्तारियां हुयी है | धारा २९० भा द वी के तहत ०६ , धारा १०९ द प्र स के तहत दो काररवाईयां की गयी है | इस दौरान १५ लाख १७ हज़ार रूपये की माल की चोरी हुयी , जबकि एक बोलेरो , एक मोबाइल , चार छाता, बम बनाने का बारूद और करीब दो हज़ार रुपया बरामद किया गया | १४ लोगों की अप्राकृतिक मौत हुयी , दो लोगों की दुर्घटना में मौत हुयी | १४७ वाहन जब्त किये गए | ५६ हज़ार ५०० रूपये वाहनों से वसूल किये गए | यह जानकारी जिला प्रशासन के उपयुक्त मस्त राम मीणा द्वारा सार्वजानिक किया गया है |
इसके अलावे देवघर में चल रहे माह व्यापी श्रावणी मेला में देवघर जिला प्रशासन कितना धन राशि अप्राकृतिक रूप से गटक गया है | इसकी जानकारी किसी को भी नहीं मिल सकता है क्योंकि देवघर के नाम पर हरेक साल करोडो रूपये आवंटित किया जाता है , जो शिवभक्तों के असाधारण मेला को निर्बाध गति से समाप्त करने में उपयोग किया जाता है | रही बात मेला के दौरान करोडो रूपये की आय का , इस आय में भी परदे की आड़ में जिला प्रशासन कितने का घोटाला करता है , इस बात की जानकारी आमजनों को नहीं हो पाती है | आमजन केवल अपने मुख से घोटाला होने की चर्चा करतें है | अगर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी माँगा जाय एक बड़े घोटाला का पर्दाफास होगा और इसमें शामिल कई लोगों के चेहरें बेनकाब होंगें | हो सकता है , इस प्रकरण में कुछेक को अपने जान की क़ुरबानी देनी होगी | यह एक कठिन विषय है , इस पर लोगों को जागरूक होना होगा | तभी यह संभव है , अन्यथा मेला के नाम पर आवंटित धनराशि का बंदरबांट पदाधिकारी और सफेदपोश काफी महफूज हो करतें रहेंगे और महीने भर के मेला के नाम पर प्राप्त आय का वेमन से लेखा - जोखा प्रस्तुत करतें रहेंगे | झारखण्ड राज्य के देवघर जिला को बाबा बैधनाथ के नाम पर केवल सावन माह में होने वाले करोडो रूपये के होने वाले आय के अलावे बाबा बैधनाथ मंदिर में अपनी हिस्सेदारी का दावा करने वाले संघठन पंडा धर्म रक्षिणी सभा की आय भी करोडो रूपये की होती है | लेकिन पंडा धर्म रक्षिणी सभा की आय को कभी सार्वजानिक नहीं किया जाता है | यह कहा जाता है कि यह आय एक स्वयं सेवी संघठन का है , जो पंजीकृत है | इस संघठन के आय का खुलासा नहीं होने के कारण हमेशा पंडा समुदाय के बीच असंतोष का लहर पैदा होता है | दबे जुबान विरोध करतें है , लेकिन इस बार एक दबंग किस्म के व्यक्ति ने अव्यवहारिक रूप से अपना विरोध जताया , जिस कारण संघठन का मुखिया व अन्य पधाधिकारी ने अपना इस्तीफा दे दिया | लोगों के बीच यह बात फैल गयी , लोगों ने तरह - तरह टिप्पणी करना शुरू कर दिया | लोक लाज के भय से एक कथित दबंग व्यक्ति ने इस्तीफा वापस लेने का दवाब बनाया और अंततः संघठन के लोगों ने इस्तीफा वापस कर लिया | इस तरह इस संघठन का हाई भोल्टेज ड्रामा ख़त्म हो गया | अब सवाल उठता है कि जिला प्रशासन की तरह अपनी आय का खुलासा यह संघठन करेगी ? अगर कर दिया तो केवल शावन माह में बाबा बैधनाथ अरबों रूपये आय देने वाला बाबा कहलायेगा और देश के अन्य मंदिरों / धार्मिक संघठनों के श्रेणी में सबसे आगे होगा |
Saturday, January 1, 2011
देवनगरी देवघर
देवनगरी देवघर एक और जहाँ अपने धार्मिक व् अध्यात्मिक महत्वों से प्रसिद्द हैं , वहीँ दूसरी ओर नव वर्ष के अवसर पर यह अपने आप में एक चर्चित स्थान बन जाता है | शहर तो क्या आसपास के गांवों में भी नव वर्ष मनाने का उत्साह परवान पर होता है | इसका नज़ारा ....
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