चौदहवीं लोकसभा चुनाव का बिगुल फूका जा चुका है, राजनितिक के खिलाड़ी अपने - अपने भाग्य को आजमाने के लिए अपनी सारी शक्ति झोंक दी है इसका एक उदाहरण है गोड्डा लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार निशिकांत दुबे , जो चुनावी हवा शुरू होने से पहले अपने ही लोंगो का विरोध सहा और फिर एक दुल्हे की तरह प्रत्याशी बन पार्टी के आलाकमान के इशारे पर अपनी रणनीति को अंजाम देना शुरू कर दिया है बहरहाल , निशिकांत दुबे को लेकर भाजपा में भीतर ही भीतर उबाल हो रहा है और कोई पक्ष में तो कोई विपक्ष में अन्दर ही अन्दर से समर्थन देने के निर्णय को लेकर असमंजस में पड़ गया है इस सन्दर्भ में पार्टी के कार्यकारिणी की एक बैटक १८ मार्च को देवघर में की गई , जिसमे निशिकांत को भारी मतों से जीताने का आह्वान किया गया कुछ नेता तो अपने फायदे को देखकर तो कुछ अपने नुकसान की भरपाई को देखकर निशिकांत के समर्थन में अपनी हाँ मी भर दी वहीं कभी विरोध का स्वर निकाल रहे मधुपुर विधायक राज पलिवार ने आयोजित इस बैठक में शामिल होकर भाजपा के अन्दर प्रस्फुटित हो रहे विवाद को कुछ हद तक विराम लगाने का प्रयास किया विश्लेषकों का कहना है कि भले ही राज पलिवार बैठक में शामिल होकर अपनी पार्टी कि एकता को आमजनता के सामने पेश करने का प्रयास किया लेकिन वे श्री दुबे को हराने का प्रयास जरुर करेंगे क्योंकि , वे गोड्डा सीट के लिए ख़ुद को पूर्व से ही उम्मीदवार घोषित कर आमजनता के सामने प्रोमोट कर रहें थे लेकिन चुनाव आते - आते भाजपा आलाकमान ने सारा गेम ही बदल दिया और राज के जगह निशिकांत को टिकट दे दिया और यहीं से शुरू हुआ विरोध निशिकांत के देवघर आगमन पर राज समर्थकों ने जिस तरह जसीडीह स्टेशन पर बवाल काटा वह काफी शर्मनाक ही था निशिकांत के समर्थकों का न केवल सर ही फोड़ा गया बल्कि उनकी बेरहमी से पिटाई भी की यही घटना राज पलिवार के छवि को जनता के सामने प्रस्तुत कर दिया अपने ही घर में राज होने लगे बेगाने और निशिकांत होने लगे सबके प्यारे जिसका एक नजारा होली के अवसर पर आयोजित होली मिलन समारोह में देखा गया , यह प्रोग्राम जिला नागरिक मंच द्वारा आयोजित किया गया था जिसमे राजद विधायक उदय शंकर सिंह उर्फ चुनना सिंह भी शामिल हुए थे , लेकिन राज पलिवार नही
इसके बाद बीते दिन देवघर में पूरे संताल परगना के चुनावी रणनीति हेतु एक बैठक आयोजित की गई जिसमे पार्टी के वरीय नेता रघुवर दास सरीखे नेता आदि शामिल हुए बैठक में आए नेता गन हाल ही में घटी घटना पर किसी प्रकार के टिपण्णी करने से खासकर मीडिया से परहेज करते रहे और ऐसा ही किया
अंततः भाजपा की भगवा फहराने की मंशा चनाव के पूर्व ही कई कयासों से गुजरने में .....................................
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